
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के वसंत कुंज स्थित जय हिंद कॉलोनी में कथित रूप से बिजली-पानी काटे जाने और बंगाली भाषी लोगों के साथ भेदभाव की खबर पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मैं बहुत परेशान हूं कि नई दिल्ली में जय हिंद कॉलोनी के लोगों को पानी और बिजली से वंचित किया जा रहा है।”
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बोलो बंगाली, भुगतो बिजली?
ममता ने इस विवाद को सीधे भाषाई पहचान और सांस्कृतिक भेदभाव से जोड़ा। उनका कहना है कि “बंगाली बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं हो जाता।”
यह लाइन अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है — और विपक्ष के लिए भी नया मुद्दा बन चुकी है।
अपने ही देश में ‘घुसपैठिया’ टैग?
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि “1.5 करोड़ से ज्यादा प्रवासी बंगाली वर्कर पूरे भारत में काम कर रहे हैं — गुजरात, महाराष्ट्र, एमपी, ओडिशा में — और अब दिल्ली में भी उन्हें ‘अजनबी’ की तरह ट्रीट किया जा रहा है?”
मतलब — देश की राजधानी में “जय हिंद कॉलोनी” में ही ‘जय हिंद’ जैसे शब्दों की बिजली गुल कर दी गई।
‘हम चुप नहीं बैठेंगे’: ममता की चेतावनी
सीएम ने यह साफ किया कि वह इस मसले को लेकर सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि संवैधानिक कार्रवाई की दिशा में भी कदम उठाएंगी।
“हम बंगालियों को उनके ही देश में घुसपैठिया कहे जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”